जापानियों की जान

जब एक बुजुर्ग ने बचाई जापानियों की जान

आज हम आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसमें एक बुजुर्ग ने जापानियों की जान बचा कर पूरे जापान को गुलाम होने से बचा लिया था। जापान की ये कहानी बताती है कि किसी भी समाज में बुजुर्गों का होना कितना जरुरी होता है ?

मुसीबत से बचाते हैं घर के बुजुर्ग

मेरे सनातन सद्गुरु के मित्रों आज कल लोग बुजुर्गों का आदर बिल्कुल नहीं करते हैं। आज पूरी दुनिया में ओल्ड एज होम्स खुल गए हैं। लोग अपने साथ अपने माता पिता को भी नहीं रखना चाहते हैं। लोगों को लगता है कि माता पिता का कोई यूज़ ही नहीं है और वो परिवार पर एक बोझ की तरह हैं, लेकिन आज हम आपको जो कहानी बताने जा रह हैं उसे देख कर आपको ये अहसास हो जाएगा कि जिस घर में माता पिता रहते हैं और जिस देश में बुजुर्गों की इज्जत होती है, वो देश और परिवार कभी भी किसी भी मुसीबत से खुद को बाहर निकाल पाने में सक्षम होता है।

जापान के सम्राट ने दी थी बूढ़ों को मारने की आज्ञा

ये कहानी जापान की है जहाँ एक बार एक ऐसा सम्राट बैठा जो बहुत ही कम उम्र का था और तानाशाह था। उसे ये गलतफहमी थी कि बूढ़े लोग देश पर एक बोझ की तरह होते हैं, सो उसने सनक में आकर ये फरमान दे दिया कि सारे देश के बूढ़ों को मार दिया जाए और जो कोई भी अपने घर में अपने बूढ़े माता पिता को रखेगा उसे भी मृत्युदंड दिया जाएगा।

जापान के लोगों ने की बूढ़ों की हत्या

तानाशाह सम्राट के इस फरमान को बाद पूरे जापान में लोग अपने परिवार के बूढ़े माता पिता की हत्या करने लगे और धीरे धीरे जापान में बूढ़े लोग दिखने बंद हो गए ।लेकिन जापान में एक व्यक्ति ऐसा भी था जो अपने पिता को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था। उसने सोचा कि वो अगर अपने पिता को मार देगा तो वो खुद भी जिंदा नहीं रह पाएगा । सो उसने अपने पिता से कहा कि :वो उन्हें मारना नहीं चाहता है, क्योंकि वो उनसे बहुत प्यार करता है, लेकिन अगर सम्राट को ये खबर मिल गई कि मैंने आपको अपने घर में रखा है तो वो हमारे पूरे परिवार को मार डालेगा।“

तब उसके बूढ़े पिता ने उसे एक उपाय सुझाया और कहा कि तुम एक बड़ा संदूक बनाओं, जिसके अंदर मैं आराम से रह सकूं। मैं दिन भर उस बॉक्स में रहूंगा और रात को तुम मुझे बाहर निकाल देना। बेटे को ये उपाय अच्छा लगा और उसने एक बड़ा सा संदूक बनाया जिसमे सांस लेने के लिए छेद भी था और उसके अंदर उसके पिता आराम से रह भी सकते थे। वो रोज सुबह उठते ही अपने पिता को आदर के साथ संदूक के अंदर रख देता और रात को उन्हें बाहर निकाल कर उनकी खूब सेवा करता। धीरे धीरे कई साल बीत गए। अब जापान में उस बूढ़े आदमी को छोड़ कर एक भी बूढ़ा आदमी नहीं बचा था।

जापान को मिली हमले की धमकी

लेकिन तभी जापान के दरबार में एक पड़ोसी देश का दूत आया और उसने सम्राट से कहा कि “हमारे देश के राजा आपके देश पर हमला करेंगे, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी है कि अगर आप उनके एक पहेली का जवाब दे देंगे तो हम आपके राज्य पर हमला नहीं करेंगें।” सम्राट जानता था कि पड़ोसी देश का राजा बहुत शक्तिशाली है और वो जिस वक्त चाहे उसके राज्य पर हमला कर उसे जीत सकता है ,यहां तक कि सम्राट को भी मार सकता है।

पहेली के चक्कर में फंसा जापान

डरते हुए उस सम्राट ने उससे वो पहेली पूछी और अपने दरबारियों को इसका जवाब देने के लिए कहा। वो पहली ये थी कि उस दूत के पास एक लकड़ी का छोटा सा टुकड़ा था। उस दूत से कहा कि “इस लकड़ी के छोटे से टुकड़े को देख कर अगर कोई बता सके कि इसका कौन सा किनारा जड़ के हिस्से का है और कौन सा किनारा तने के हिस्से के है, तो वो अपने राजा को हमला करने से रोक देगा। “

सम्राट ने उस लकड़ी के छोटे से टुकड़े को देखा तो उसे समझ में ही नहीं आया कि इसका कौन सा किनारा जड़ की तरफ है और कौन सा किनारा तने की तरफ का ? सम्राट के बाद सारे दरबारियों ने भी देखा औ उन्हें भी इसका कोई हल दिखाई नहीं दिया।

जापान के सम्राट ने करवाया ऐलान

अब सम्राट परेशान हो गया। उसे लगने लगा कि अब उसके हाथ से सत्ता जाने ही वाली है। अगर कोई जवाब नहीं दे पाएगा तो उसके राज्य को पड़ोसी राजा नष्ट कर देगा और उसे भी मार डालेगा । सम्राट ने उस दूत से एक दिन की मोहलत मांगी और पूरे राज्य में ऐलान कर दिया कि जो भी इस पहेली का राज खोल देगा राजा उसे मुंहमांगा ईनाम देगा। ये खबर उस व्यक्ति को भी मिली जिसके पिता संदूक में बंद थे । उस व्यक्ति ने अपने पिता से इसका हल पूछा तो पिता ने मुस्कुराते हुए इसका हल भी बता दिया। वो व्यक्ति दूसरे दिन दरबार में पहुंचा और उसने सम्राट के सामने उस दूत से कहा कि वो इसे हल कर सकता है ।

उस व्यक्ति ने राजा से कहा कि वो पानी का एक कटोरा मंगवाए। सम्राट ने अपने सैनिको को ऐसा ही करने का आदेश दिया। उस व्यक्ति ने उस लकड़ी के छोटे से टुकड़े को पानी में डाला और इसके बाद उसे बाहर निकाल कर तुरंत बता दिया कि इसका कौन सा हिस्सा जड़ की तरफ का है और कौन सा किनारा तने की तरफ का है ?

कौन सा हिस्सा तने का है और कौन सा जड़ ?

दूत भी ये देख कर हक्का बक्का रह गया कि इस व्यक्ति ने बिल्कुल सही जवाब दिया। वो दूत सम्राट को प्रणाम कर वापस लौट गया । तब सम्राट ने आश्चर्य से उस व्यक्ति से पूछा कि तुमने ऐसा क्या किया जिससे तुम्हें ये पता चल गया कि उस छोटी सी ल़कड़ी का कौन सा किनारा जड़ की तरफ का है और कौन सा किनारा तने की तरफ का ?

तब उस व्यक्ति ने कहा कि पानी में डूबाने के बाद लकड़ी का जो हिस्सा पानी के अंदर डूब गया वो हिस्सा जड़ की तरफ का था और जो हिस्सा पानी के उपर की तरफ था वो हिस्सा तने का था, क्योंकि जड़ का ,स्वभाव हमेशा पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण की तरफ होता है और तना हमेशा पृथ्वी के ग्रैविटी के विपरीत दिशा में आकाश की तरफ बढ़ता है।

सम्राट ने दिया मुहमांगा ईनाम

सम्राट उसके जवाब से हैरान हो गया और उसने खुश होकर उस व्यक्ति से मुहमांगा ईनाम मांगने के लिए कहा । तब उस व्यक्ति ने सम्राट से कहा कि वो उसके पिता की जिंदगी मांगता है और ये भी मांगता है कि आगे से किसी भी बूढ़े व्यक्ति को राज्य में मारा न जाए।

सम्राट हैरान रह गया उसने कहा कि तुमने अपने पिता को क्यों नहीं मारा और इस पहेली के सोल्व करने में तुम्हारे पिता का क्या कनेक्शन है ? तब उस व्यक्ति ने कहा कि उसके पिता ने ही अपने जीवन के अनुभव से उसे इस पहेली को हल करने का उपाय बताया था। अगर वो आज अपने पिता को छुपा कर जिंदा नहीं रखता तो आज इस देश पर किसी और राजा का अधिकार होता और आप भी आज जिंदा नहीं रहते।

जहाँ होते हैं बूढ़े लोग वहाँ मिलता है समस्या का हल

सम्राट को अहसास हो गया कि जिस देश और परिवार में बूढ़े लोग रहते हैं वहाँ बड़ी बडी मुसीबतें भी उनके अनुभवों से हल हो जाती हैं। सम्राट अपनी इस हरकत पर बहुत शर्मिंदा हुआ और उसने न केवल उस व्यक्ति के पिता को सम्मान देने के लिए अपने दरबार में बुलाया बल्कि उसने ये ऐलान भी करवा दिया कि आगे से कोई भी अपने परिवार के बूढ़े माता पिता की हत्या न करें और उनकी सेवा करें।

तो मेरे सनातन सद्गुरु के मित्रों हमारे माता पिता हमारे लिये  बहूमूल्य हैं। उनके अनुभव हमारे जिंदगी में हमेशा जुड़ कर हमारी जिंदगी को बेहतर बनाते हैं। उनके पास हमारी हर समस्याओं का हल होता है ,तो आप भी अपने आस पास के बूढ़े लोगों से जरुर कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करें।

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