जब से प्रभु श्रीराम की अयोध्या मे विराज मान हुए हैं, तब से ही लोग श्रीराम के वंशजो के बारे जानना चाहते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि आज भी प्रभु श्रीराम और पाण्डवों के वंशज जिंदा हैं। श्रीमद्भागवत के अनुसार इन्हीं दो घराने के लोग मिलकर एक बार फिर से अंखड भारत में रामराज्य के सपने को साकार करेगें। आज के भारत मे वो लोग कहां रहते हैं? और उनके क्या नाम है? ये जानेंगे।
श्रीराम के वंशजों का गांव
श्रीमद्भागवतम् के 12वें स्कन्ध के दूसरे अध्याय में शुकदेव जी परीक्षित को बताते हैं कि जब कलयुग अपने चरम पर होगा, पाप से ये धरती भर जाएगी, तब शम्भल में विष्णुयश नाम के ब्राह्मण के यहाँ भगवान कल्कि अवतार लेंगे, लेकिन उस कल्कि अवतार में उनके साथ पांडवों और श्रीराम के वंशज भी धर्म की स्थापना में उनकी सहायता करेंगे। भीष्मपितामह के पिता राजा शांतनु के भाई देवापि और इक्ष्वाकुवंशी मरु जो कि प्रभु श्रीराम के वंशज होंगे वो भारत के कलाप ग्राम में रहेंगे, वो बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली और पराक्रमी होंगे। श्रीमद्भागवतम् के अनुसार आज भी कलाप ग्राम में प्रभु श्रीराम और पांडवों के वंशज हम सबसे बचकर रहते
श्रीराम के पुत्र कुश के वंशज
प्रभु श्रीराम ने अपने चारों भाइयों के पुत्रों को अखण्ड भारत के सभी हिस्सों का राजा नियुक्त कर दिया था। श्रीराम ने कुश को दक्षिण कौशल कुशावती और अयोध्या का राज्य दिया, लव को पंजाब प्रांत दिया, लाहौर को लव ने अपनी राजधानी बनाई। आज के पाकिस्तान में भरत के दोनों पुत्र तार्क्ष और पुष्कर का राज्य था। हिमाचल में लक्ष्मण जी के पुत्र अंगद का आनंदपुर और चंद्रकेतु का चंद्रावती में शासन था। मथुरा में शत्रुघ्न जी के पुत्र सुबाहु का और शत्रुघाती का भेलसा (विदिशा) में शासन था। इस प्रकार से प्रभु श्रीराम ने अखंड भारत को अपने चारों भाइयों के पुत्रों द्वारा सुरक्षित कर दिया था।
सभी पुत्रों में सिर्फ कुश का ही वंश आगे बढ़ा, इतना ही नहीं महाभारत के युद्ध में कौरवों की तरफ से लड़ने वाले राजा शल्य भी प्रभु श्रीराम के 50वीं पीढ़ी के राजा थे। वर्तमान में भी सिसोदिया, कुशवाहा, मौर्य, शाक्य, बसैला और गहलोत राजवंश के लोगों को भी प्रभु श्रीराम का वंशज माना जाता है। जयपुर राजघराने की रानी पद्मिनी और उनके परिवार के लोग भी खुद को श्रीराम के पुत्र कुश का ही वंशज बताते हैं। महारानी पद्मिनी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पति भवानी सिंह कुश के 309वें वंशज थे।
मुसलमान भी राम के वंशज हैं?
देश मे कई ऐसे राजघराने हैं जो श्रीराम को अपना पूर्वज बताते हैं। लेकिन राजस्थान के कुछ मुस्लिम समुदायों ने भी इस बात का दावा किया है कि वो भी कुशवाहा वंश से ताल्लुक रखते हैं। मुगल काल में धर्म परिवर्तन की बात भी उन्होंने स्वीकार की, लेकिन आज भी ये खुद को हिन्दू ही मानते हैं।
इसी तरह मेवात में दहंगल गोत्र के लोग राम को अपना पूर्वज बताते हैं। छिरकलोत गोत्र के मुस्लिम खुद को यदुवंशी मानते हैं। राजस्थान, बिहार, उत्तरप्रदेश, दिल्ली आदि जगहों के मुस्लिम गांव खुद को हिन्दू और राम का वंशज मानते हैं। डीएनए शोध के अनुसार उत्तरप्रदेश के 65% लोग हिन्दू धर्म से ताल्लुक रखते हैं। लखनऊ के एसजीपीआई के वैज्ञानिकों ने फ्लोरिडा और स्पेन के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर अनुवांशिक शोध के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला था।