December 21, 2024

सांपों से कैसे हुआ मानवता का विकास

हम सब पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में पाताल लोक का जिक्र सुनते आए हैं। जहाँ पर नागों का राज है। लेकिन क्या आपको पता है भारत मे एक ऐसी जगह है, जहाँ के घने जंगलों के बीच एक गुफा है, जहाँ आज भी पाताल लोक जाने का रास्ता मौजूद है। वो सांप ही थे जिन्होंने मानवता का विकास किया, आज हम आपको सांपों से जुड़े सभी रहस्यों को बताने वाले है।

“तपकर” छत्तीसगढ़ के जंगलों के बीच एक ऐसी जगह है जहाँ आज भी अनगिनत दुर्लभ नागों का बसेरा है। यहाँ के घने जंगलो के बीच एक छोटा सा शिव मंदिर है और उसी के बीच मौजूद है एक गुफ़ा। उस गुफ़ा से लोगों को दूर रखने के लिए एक विशाल चट्टान से उसका मुंह बंद कर दिया है। क्योंकि एक नहीं बल्कि कई लोग जो गुफा के नजदीक गए फिर वो कभी भी लौट कर नहीं आ सके। आस पास के लोगों का ये मानना है कि यहीं से होकर पाताल लोक का रास्ता जाता है।

महाभारत में नागों का वर्णन

महाभारत में दुर्योधन हमेशा भीम से ईर्ष्या रखता था। एकबार जब वो भीम को खीर में जहर डालकर खिला देता है। और भीम को मृत जानकर नदी में फेंक देता है। भीम उसी नदी के रास्ते पाताल लोक जाते हैं और वहां नागों के राजा वासुकी से मिलते हैं जो भीम को कई हजार हाथियों की शक्तियों का बल देकर वापिस भेजते हैं।

इसके अलावा भी जब गंगा जी के श्राप से अर्जुन की मृत्यु उनके पुत्र बभ्रुवाहन के हाथों हो जाती है तब भी नाग लोक से उलूपी आकर अर्जुन को नाग मणि देकर वापिस जिंदा कर देती है। भीम को शक्ति देना या मणि से अर्जुन को जिंदा कर देना कोई जादू नही बल्कि नाग लोक का उन्नत विज्ञान था। क्योंकि नागों को हमेशा से सबसे ज्यादा बुद्धिमान जीव माना गया है। नाग ही वो जीव है जो आध्यात्मिक ऊर्जा को भी सबसे पहले महसूस कर लेते हैं।पुराणों के अनुसार शेषनाग ही है जो संसार की नींव रखते हैं, संसार खत्म होने के बाद सिर्फ वही बचते भी हैं। इसलिए शेषनाग को अनंत भी कहा जाता है।

भागवत पुराण के अनुसार एक बार जब शेषनाग अपने भाइयों के बुरे कर्मो से परेशान होकर हिमालय जाकर तप करने लगे। जब उनकी इस कठिन तपस्या का ब्रह्मा जी ने कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं अपने भाइयों की बुरी संगत से दूर रहना चाहता हूं। मनुष्यों की भलाई के लिए भी कुछ करना चाहता हूं। उनकी इस बात से ब्रह्मा जी प्रसन्न हुए और शेषनाग जी से कहा कि धरती अपने पर्वतों, जंगलो और समुद्रों आदि के भार से अस्थिर रहती है। इसलिए तुम धरती को अपने फन पर उठा लो जिससे कि धरती का संतुलन बना रहे।

समुद्रमंथन में नागों का सहयोग

एक बार जब ऋषि दुर्वासा के श्राप से देवता, श्री और शक्ति विहीन हो गए तब नागों के राजा वासुकी ने ही मंदराचल पर्वत पर रस्सी बनकर समुद्र मंथन में सहयोग किया था। जिससे निकले अमृत को पीकर देवता फिर से शक्तियुक्त हो गए थे। और हलाहल विष का पान करके भगवान भोलेनाथ ने वासुकी को अपने गले मे धारण किया। वासुकी को गले मे धारण करने के बाद महादेव ने उनको समय के चक्र से मुक्त कर दिया था।

  • भारत के अलावा और भी कई देश है जो ये साबित करते है कि सांप का मानवों से सबंध कोई किस्सा या कहानी नहीं है। बल्कि वास्तव में एक ऐसी दुनिया हमारे बीच मौजूद है जहाँ का कंट्रोल साँपो के पास है। कंबोडिया, मणिपुर, श्रीलंका, नागालैंड, बाली जैसे स्थानों पर कई ऐसे कबीले मौजूद हैं जो साँपो को अपना पूर्वज मानते हैं।
  • हमारे पुराणों में भी कई कहानियां है जो नागों के महत्व को बताती है। तमिलनाडु वलियम पराई में बहुत से छोटे-छोटे पत्थर की गुफाएं मिली हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बहुत साल पहले यहां एक ऐसा कबीला आया था जो बड़े बड़े विशाल सांपों की पूजा किया करता था और हमारे साथ रहा करता था ।  
  • दुनिया की बहुत सारी परम्पराओं में नागों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। मिस्र की संस्कृति में कई सारे नागदेव और देवियों के बारे में बताया गया है। जिसमें से एक के स्वरूप को कोबरा की तरह बताया गया है। यूनानी संस्कृति में भी बहुत सारे आधे मानव और नागों का वर्णन मिलता है। ऐसी भी मान्यता है कि चाइना का जो ड्रैगन है उसका जन्म भी नागों से हुआ है। अमेरिका आस्ट्रेलिया एशियाई, इस्लामिक, मैक्सिकन,आफ्रीकन और भी कई सारे कल्चर किसी ना किसी तरीके से नागों को महत्व देते आए हैं।
  • साँप ही थे जिन्होंने सबसे पहले मानव सभ्यता की शुरुआत की थी। साँप ही हमारे पहले शासक थे। लेकिन ये हमारा दुर्भाग्य है कि कई संस्कृतियो और मूवीज में नागों को नकारात्मक तरीके से बतातें हैं।
  • भारत समेत आज भी बहुत सारे देश है जहाँ नागों को पूजा जाता है। हमारे धर्म में किसी नाग को हानि पहुँचना बहुत अशुभ माना जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि जो साँप सदियों पहले हमारे बीच रहते थे वो आज भी साँप के रूप में या इंसानी रूप में हमारे साथ रहते हैं। कुछ का मानना है कि वो नाग लोक वापस लौट गए।
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